“कौशांबी कांड की सच्चाई छिपाई जा रही है, CBI जांच हो” – सत्येंद्र पाल का उत्तर प्रदेश सरकार और राजनीतिक दलों को खुला संदेश

2025-06-14 10:12:48 Politics

“कौशांबी कांड की सच्चाई छिपाई जा रही है, CBI जांच हो” – सत्येंद्र पाल का उत्तर प्रदेश सरकार और राजनीतिक दलों को खुला संदेश

कौशांबी, 3 जून 2025 – NCIA न्यूज़ संवाददाता से विशेष बातचीत में श्री सत्येंद्र पाल (मैनपुरी) ने कौशांबी रेप कांड पर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। उन्होंने न केवल पीड़ित परिवार की दुर्दशा को उजागर किया, बल्कि सरकार, प्रशासन और समाज में बैठे राजनैतिक लोगों को भी कठघरे में खड़ा किया।

 

? पीड़िता का परिवार – एक अंधेरे में जीता सच

सत्येंद्र पाल ने बताया कि जिस लोहिया आवास में पीड़िता का परिवार रहता है, वहाँ आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं है। घर से महज़ 200-300 मीटर दूरी पर बिजली के खंभे खड़े हैं, लेकिन बिजली नहीं पहुंची। पीड़िता की मां एक दैनिक मजदूर हैं दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करती है पति और देवर को जेल में डाल दिया गया है, जबकि पीड़िता को न्याय दिलाने वाला कोई नहीं दिखता।

? मीडिया का पक्षपात और आरोपी की असलियत

नेशनल मीडिया द्वारा आरोपी रामबाबू तिवारी को “गरीब ब्राह्मण” बताया गया, लेकिन हकीकत इसके उलट है। सत्येंद्र पाल के अनुसार, तिवारी के पास है:
    •    300 बीघा ज़मीन
    •    ईंट भट्टा
    •    प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट

गांववालों से बातचीत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी का परिवार धनाढ्य और प्रभावशाली है। बावजूद इसके, मीडिया गरीब ब्राह्मण की छवि गढ़कर माफिया को मासूम दिखाने की कोशिश कर रही है।

? सत्येंद्र पाल का भारत और उत्तर प्रदेश सरकार को सीधा संदेश

“इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच केवल CBI कर सकती है। राज्य पुलिस या जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।” – सत्येंद्र पाल

सत्येंद्र पाल ने यह भी मांग की कि पाल समाज के जो लोग सत्ता, संगठन या विपक्ष में बैठे हैं, उन्हें खुलकर पीड़िता के समर्थन में आना चाहिए। अभी तक कई नेताओं की चुप्पी शर्मनाक है।

? विधायक पूजा पाल और समाजवादी पार्टी पर सवाल

पूजा पाल, जो घटनास्थल से केवल 20 किलोमीटर दूर रहती हैं, आज तक पीड़िता के घर नहीं गईं। सत्येंद्र पाल ने कहा:

“आपने पाल समाज का वोट खाया है, लेकिन जब उनकी बेटी पर अत्याचार होता है, तो आप मौन साध लेते हैं। 2027 में इसका हिसाब होगा।”

? डॉ. सुभाष पाल का सपा पर तीखा बयान

डॉ. सुभाष पाल ने समाजवादी पार्टी की उस नीति पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने सत्येंद्र पाल जैसे सक्रिय नेता को इग्नोर किया। उन्होंने कहा:

“राजाराम पाल जी और पार्टी के वरिष्ठ नेता अगर सत्येंद्र पाल जैसे समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता को नहीं पहचानते, तो यह सपा के लिए राजनीतिक घमंड का प्रतीक है। इसका खामियाज़ा उन्हें 2027 में उठाना पड़ेगा।

यदि उत्तर प्रदेश सरकार और सभी राजनैतिक दल इस मामले को गंभीरता से नहीं लेंगे और पाल समाज की बेटियों के साथ खड़े नहीं होंगे, तो 2027 में पाल-गडरिया समाज हर विधानसभा में जवाब देगा।

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